राहुल गांधी जी नेता प्रतिपक्ष है, और नेता प्रतिपक्ष का पद, जिम्मेदारी का पद होता है, मैं राहुल जी को याद दिलाना चाहता हूं कि, जब श्रीमान अटल बिहारी वायपेयी जी नेता प्रतिपक्ष थे, नरसिंह राव जी प्रधानमंत्री हुआ करते थे। तब कई मामलो में भारत का प्रतिनिधित्व अटल जी करते थे। देश के बाहर कभी भी नेता प्रतिपक्ष ने देश की छवि खराब करने की कोशिश नहीं की, लेकिन ये ऐसे नेता हैं जो कुंठाग्रस्त हैं। लगातार तीसरी बार पराजय के कारण उनके मन में बीजेपी, संघ और मोदी विरोध बैठ गया है, और वो विरोध करते करते देश का ही विरोध करने लगे। देश के बाहर कांग्रेस और बीजेपी नहीं होती, देश के अंदर हम मुद्दों पर लड़ सकते हैं, लेकिन देश के बाहर केवल भारत होता है। लगातार राहुल गांधी जी देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और देश की छवि खराब करने की कोशिश देशद्रोह जैसी सीमा में ही आता है।
मैं भी अमेरिका गया था, जब मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तो मुझसे अमेरिका में पूछा गया था कि, क्या भारत के प्रधानमंत्री अंडर अचीवर हैं। मैंने कहा था, वो भारत के प्रधानमंत्री हैं, और हमारा प्रधानमंत्री कभी भी अंडर अचीवर नहीं हो सकता। एक भावना राष्ट्र प्रेम की होती है, और संविधान पर हमले किसने किए.. इमरजेंसी किसने लगाई, संविधान को तार-तार करने का पाप किसने किया.. राहुल गांधी जी भारत जोड़ो यात्रा तो करते हैं, लेकिन वो कभी ना भारत से जुड़ पाए ना भारत की जनता से जुड़ पाए, ना यहां की संस्कृति, जीवनमूल्य और परंपराओं से जुड़ पाए। राहुल गांधी जी का ये व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण हैं।