भाजपा शासन में नेता मस्त है, जनता त्रस्त है. ऐसा कोई वर्ग नहीं जो भाजपा के अन्याय और अत्याचार से प्रभावित ना हो रहा हो. सोयाबीन खरीद मूल्य को 4892 से बढाकर कम से कम 8000 किया जाए. वैसे भी भारी वर्षा से सोयाबीन और धान की फसल का भारी नुकसान हो चूका है