नारी अबला नहीं, सबला है। हमारी बहनों में अनेक क्षमताएं हैं।
आज लगभग 92 लाख स्व-सहायता समूह के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक बहनें जुड़ी हैं और 1 करोड़ बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं।