*السلام علیکم*
*टीम BBM की जानिब से हर साल माह ए रमज़ान मे उन ज़रूरतमंद बस्तियों मै रोज़ा अफ़्तार का माकूल इन्तेजाम किया जाता है*
*जिन बस्तियों मे गुरबा* *मसाकीन लोग रहते हैं जो बेहतर खाने के मुन्तजिर होते हैं*
*हमारी कोशिश ये होती है के हम ख़ुद भी उनके साथ बेठकर खाना खाए और उन्हें कुछ खुशियां फराहम कर सकें*
*الحمد للہ*
*ये इस रमज़ान ऊल मुबारक का दूसरा रोज़ा अफ्तार था जब उन तक अफ्तार और खाना ले जाया गया*
*अब इंशाअल्लाह बरोज़* *सनीचर टीम SBM की हमारी बहने ग़रीब ज़रूत मंद बहनों के साथ रोज़ाअफ्तार करेंगी इंशाअल्लाह*
*#मदद नहीं ज़िम्मेदारी है*
*#टीम BBM SBM इंडिया*