जनवरी 2023 में भारत की अडाणी समूह की कंपनियों पर जारी हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के कारण भारत में निवेशकों को एक ही दिन में 80 लाख करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान हुआ था। इस मामले की जाँच सरकार ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जो स्टॉक मार्केट का रेग्यूलेटर है को सौंपी थी। जिसमें सेबी ने अडानी समूह पर लगाये गये आरोपों पर कोई कार्यवाही नही की।
दिनांक 10.08.2024 को हिंडनबर्ग ने एक और रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं।